Devi Prasad Mishra
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POEMS ARE PARAMOUNT
Poetry is possible only in the mother tongue so said a poet
One should stick to one’s tongue then lest one forget it
Also that one may never forget
That fathers are the first dictators
And as I said before the first communists are the mothers
Neighbours have never assured us they will not turn fascists
At the very start of the Allahabad to Delhi rail journey
A person proposed we exchange seats
And then what else there was to possibly exchange
I said I will not exchange my chaos with anyone
One gets paid well for idiotic films that lie he said getting off
The protection that a poet must get from the Constitution is given to the cow
I commented before I left
He was chewing paan and he laughed
Some of the spit came right on my face
Poems must be written lest poets be reduced to a moral minority
Poems must be written to remember Muhammad Ali as boxer
That Vietnam ,is a nation
Palestine worth settling in
Being Rohit Vemula means being human
Only poems register the passing
Of seasons and sisters, and falling of leaves and men
Poems must be written because only poets return awards
And they know the solitary art of crying while writing a poem on Akhlaq.
(Translated by Asad Zaidi)
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I COVET MY RUINATION TO ENCOUNTER TRUTH
About others I cannot say
But my trade goes on fine without Arnab Goswami
I covet my ruination to encounter truth—
No harm if hair too is included in the grand Einsteinian disarray
Che’s visage and Stephen Hawking’s body
Fassbinder’s soul and Ritwik Ghatak’s black & white
For a few days I put aside the inspection of my great talent
Rest of the time I make do with my audacity and irreverence
I feel assured by the empty hall during my poetry-reading session
Three people had appeared during Ismat Chugtai’s last rites
During the funeral services of Raghuvir Sahay there were a few more
I too was there but people did not know me then nor do they know me now
There was no facebook then and now there is but I never knew how to be on it
I used to carry a strange and crabby mien
As if after drawing a semi abstract charcoal portrait of a perennial dissenter
The artist ran away with his lover
In a society where
Sunny Leone, Modi and Amitabh Bachchan tweets receive the highest like-followers
Talking to oneself at 1 am in the morning
And to be sleepless because
One’s nephew in Singapore is a Modi supporter is quite dry and desolate an opponent
I shall die of exploding veins
It is only a sign of how each of us shall die
Which means the culture minister shall die of the poison within
Come, before we depart let us complete the ritual of asking why people watch the films of Shah Rukh Khan at all?
And pray, why are numerous IPL matches and the lost countenance of Rajiv Shukla embroiled within it?
If you remember I have said many times that no love is illicit
And contempt for the tyrant is the most romantic work-load.
I am getting late abdicating this world
But to quit my lover’s bed I am forging a few excuses
All right, let us consider this poem to be over at this point
And you all please collect subscriptions for my quitting Delhi
I don’t know for how long I shall remain with this thought
That how can a fascist be named Ramakant Pande?
(Translation: HUG)
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कविताएं लिखनी चाहिए
जैसा कि एक कवि कहता है कि मातृभाषा में ही लिखी जा सकती है कविता
तो मातृभाषा को याद रखने के लिए लिखी जानी चाहिए कविता
और इसलिए भी कि यह समझ धुंधली न हो
कि पिता पहला तानाशाह होते हैं
और जैसा कि मैं कह गया हूं मांएं पहला कम्युनिस्ट
पड़ोसियों ने फाशिस्ट न होने की गारंटी कभी नहीं दी
इलाहाबाद से दिल्ली के सफर के शुरू में
एक आदमी ने सीट को एक्सचेंज करने का प्रस्ताव रखा
फिर उसने कहा कि और क्या एक्सचेंज किया जा सकता है
मैंने कहा कि मैं किसी को अपना कोहराम नहीं देने वाला
जाते-जाते वह कह गया कि झूठ पर फिल्म बनाने के बहुत पैसे मिलते हैं
मैंने गायब होने के पहले कहा
कि जो संरक्षण संविधान में कवि को मिलना चाहिए था वह गाय को मिल गया
पान खाते हुए वह हंस पड़ा और उसका सारा थूक मेरे मुंह पर पड़ गया
कविताएं लिखनी चाहिए ताकि कवि नैतिक अल्पसंख्यक न रह जाएं
कविताएं लिखी जानी चाहिए ताकि मुक्केबाज के तौर पर मुहम्मद अली की याद रहे
और देश के तौर पर वियतनाम की
और बसने के लिए फिलिस्तीन से बेहतर कोई देश न लगे
और वेमुला होना सबसे ज्यादा मनुष्य होना लगे
कविताएं लिखनी चाहिए क्योंकि ऋतुओं और बहनों के बगल से गुजरने को
कविताएं ही रजिस्टर करती हैं और पत्तों और आदमी के गिरने को
कविताएं लिखी जानी चाहिए क्योंकि कवि ही करते हैं वापस पुरस्कार
और उन्हें ही आती है अखलाक पर कविताएं लिखते हुए रो पड़ने की अप्रतिम कला
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सत्य को पाने में मुझे अपनी दुर्गति चाहिए
औरों की मैं नहीं जानता
लेकिन मेरा काम अर्णव गोस्वामी के बिना चल जाता है
सत्य को पाने में मुझे अपनी दुर्गति चाहिए —
आइंस्टीन का बिखराव जिसमें बाल भी शामिल हों तो क्या हर्ज
चे का चेहरा और स्टीफन हाकिंग का शरीर
फासबिंडर की आत्मा और ऋत्विक घटक का काला-सफेद
मैं अपने प्रतिभावान होने का सर्वेक्षण कुछ दिनों के लिए टाल रहा हूं —
बचे समय में मैं अपने दुस्साहस से काम चला लूंगा और असहमति से
मैं अपने काव्य-पाठ में खाली हॉल से आश्वस्त हुआ
इस्मत-चुगताई की अंत्येष्टि में तीन लोग थे
रघुवीर सहाय के दाह-संस्कार में कुछ ज्यादा थे
मैं भी था लेकिन मुझे लोग नहीं जानते थे अब भी नहीं जानते
तब फेसबुक नहीं था और अब है तो मुझे उस पर होना नहीं आया
मेरे पास अजीब झुंझलाया चेहरा था
कि जैसे किसी सतत असहमत का आधा अमूर्त चेहरा चारकोल से बनाकर
कलाकार अपनी प्रेमिका के साथ भाग गया हो
जिस समाज में
सनी लियोनी, मोदी और अमिताभ बच्चन के ट्विटर पर सबसे ज्यादा लाइक-फॉलोवर हों
उसमें रात एक बजे खुद के साथ खुद का होना
और इस बात पर नींद का न आना
कि सिंगापुर में रहने वाला आपका भांजा मोदी समर्थक है काफी अजीब और बियाबान विपक्ष है
मैं अंदर-अंदर ही फटती नस से मरूंगा —
यह केवल संकेत है कि कौन किससे मरेगा
मतलब कि संस्कृति मंत्री अपने भीतर के जहर से मरेगा
आइए अब चलते हुए पूछ ही लेते हैं कि लोग शाहरुख खान की फिल्में क्यों देखते हैं
और आईपीएल के बीसियों मैच और उनमें फंसा राजीव शुक्ला का बहुत खाया चेहरा
अगर आपको याद हो तो मैंने कई बार कहा है कि कोई भी प्रेम अवैध नहीं होता
और अत्याचारी से घृणा सबसे रोमांटिक कार्यभार है
पृथ्वी छोड़ने में मुझे देर हो रही है
लेकिन प्रेमिका का बिस्तर छोड़ने में भी मैं कई तरह के बहाने करता रहा हूं
चलिए इस कविता को यहीं खत्म मान लें
और मेरे लिए दिल्ली छोड़ने के टिकट का चंदा इकट्ठा करें
मैं पता नहीं कब से यही सोचे जा रहा हूं
कि एक फाशिस्ट का नाम रमाकांत पांडे कैसे हो सकता है
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[ The poems first appeared in the October 2016 issue of Pakhi magazine]